आखिर क्यों इतनी बदल गई अनु अग्रवाल?
‘धीरे धीरे मेरी जिंदगी में आना धीरे-धीरे से दिल को चुराना’ फिल्म आशिकी का ये गाना तो आप को याद ही होगा, और इस फिल्म में नजर आने वाली भोली-भाली और प्यारी-सी अभिनेत्री अनु अग्रवाल को भला कौन भूल सकता हैं। अपनी पहली फिल्म से लाखों लोगों के दिलों पर राज करने वाली अदाकारा अनु अचानक से बॉलीवुड को छोड़कर क्यों और कहाँ चली गई? ये बात किसी को नहीं समझ में आ रही थी। कुछ समय के बाद बॉलीवुड और फँस दोनों ने अनु को भुला दिला।
2013 में अनु अग्रवाल एक बार सुर्खियों में आई।इस बार वों अपनी किसी फिल्म या कोन्त्रोवेरी को लेकर नहीं।बल्कि खुद को लेकर खबरों में आई| सावली -सलोनी और तीखे नैन-नक्श वाली आशिकी गर्ल अनु अब पूरी तरह से अलग दिख रही थी। अनु को पहचानना मुश्किल हो रहा था| साथ ही उनकी पर्सनेलिटी भी कुछ ऐसी हो चुकी है , कि उन्हें देखकर लग ही नहीं रहा था कि ये कभी फिल्मों में मुख्य नायका की भूमिका निभा चुकी हैं। उनका ग्लैमर पूरी तरह से जा चुका था। अब उनके चेहरे में वो चमक नहीं दिख रही थी| जिसकी बदौलत वे अपने दर्शकों के दिलों पर राज करती थीं।हर कोई हैरान था! और जानना चाहता था, कि अनु इतने सालों तक कहाँ थी? और अनु के साथ ऐसा क्या हुआ? जो वो इतनी बदल गई।
चलिए हम आपको बतातें है, इसके पीछे की असल वजह किया है| दरअसल साल 1999 में अनु आधी रात को एक पार्टी से लौट रही थी कि उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया जिसमें वह बुरी तरह से घायल हो गई। हादसा इतना भयंकर था कि इस में उनकी कार के परखचे उड़ गए। इस एक्सीडेंट ने उनकी जिन्दगी का रुख ही मोड़ दिया। इस हादसे में उन्होंने अपनी याददाश्त खो दी और 29दिनों तक कोमा में रहने के बाद वह होश में आई। होश में आने के बाद अनु खुद को और अपनी भाषा तक को भूल चुकी थी। या यूँ कहूँ कि अनु अपनी पुरानी जिन्दगी ही भूल चुकी थी। साथ ही उनके शरीर का निचला हिस्सा पैरलाइज्ड हो गया। लम्बे समय तक चले ट्रीटमेंट के बाद वह इससे उबरने में कामयाब हो सकीं।
अनु ने अपनी जिन्दगी को फिर से एक बार नए सिरे से शुरू करने का फैसला किया और दुबारा से अंग्रेजी और हिंदी भाषा सीखी। आज वो योगा की टीचर के तौर पर काम कर रही है। और लोगों को फ्री में योगा सिखा रही है।
साल 2015 अनु ने “अनुसुअल” नाम से अपनी आत्मकथा पर एक किताब लिखी। आज अनु बॉलीवुड की ग्लैमर लाइफ से दूर अपनी जिन्दगी की किताब के पन्नो पर आम इंसान की तरह छोटे छोटे सुखों,खुशियों और शांति के रंग भर रही है।
Written By
Usha Singh

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